वो कोई और था जिसे तुमने देखा था,
जो हर बात में मुस्कुराता ,
जो वक़्त चहकता रहता था,
हर ख्वाब को सच करने का हौसला रखता था,
वो कोई और था जिसे तुमने देखा था,
हर राह में मंजिल पा लेता ,
हर सवाल का जवाब दे देता ,
हर मुसीबत का हल दिमाग में रखता था,
वो कोई और था जिसे तुमने देखा था,
जो एक उदाहरण था ,
जो एक नीसां था जीत का ,
हर जीत के बाद नयी जंग की राह ताकता था,
वो कोई और था जिसे तुमने देखा था,
आज वो खुद जूझ रहा है,
अपने वजूद को बचाने में,
अपनी मंजिल तलासने में,
वो शायद वो ही है जिसे तुमने देखा था,
मगर आज वो वो नही रहा,
वो बहुत बदल गया है,
इक ईमारत हुआ करता था जो,
अब बस खंडहर रह गया है
एक खंडहर रह गया है।
itni negativity...... is it written by u...??
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