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Sunday, 8 January 2012

Muskurahat


एक ऐसा गीत गाना चाहता हूँ मैं ,
ख़ुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाहता हूँ मैं |

दोस्तों की दोस्ती तो हर कोई निभाता है,
दुश्मनों को भी अपना दोस्त बनाना चाहता हूँ मैं |

जो हम उड़े अकेले ऊंचाई पर तो क्या नाम किया ,
साथ में हर किसी के पंख फैलाना चाहता हूँ मैं |

वो सोचते है की  मैं अकेला हूँ उनके बिना,
तन्हाई साथ है मेरे , इतना बताना चाहता हूँ |

खुदा तमन्ना बस इतनी सी है ..... कबूल करना,
बस मुस्कुराते हुए तेरे घर आना चाहता हूँ मैं |

बस ख़ुशी हो हर पल ही ,
और मेहकें ये गुलशन सारा अभी ,
हर किसी के गम को अपनाना चाहता हूँ मैं |

एक ये  मुस्कराहट ही तो  है मेरी पहचान ,
इसी के साथ अपना जीवन जीना चाहता हूँ मैं |

एक ऐसा गीत गाना चाहता हूँ मैं ,
ख़ुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाहता हूँ मैं |
 

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