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Tuesday 26 June 2012

आसां नहीं


दिल की बात को जुबां पे लाना इतना आसां नहीं,
अपनों को अपनी बात समझाना इतना आसां नहीं,
अपने ही ख़्वाबों का सौदा करना इतना आसां नहीं,
जहाँ के लिए खुद को भूल जाना इतना आसां नहीं,
जिंदगी के सफ़र में मंजिल पाना इतना आसां नहीं,
सफ़र में किसी का साथ पाना भी इतना आसां नहीं,
खुद पर ही हर इलज़ाम लगाना इतना आसां नहीं,
हर ज़ुल्म की खुद को सजा देना इतना आसां नहीं,
जैसा दिखता है जहाँ ये जहाँ भी इतना आसां नहीं,
खुद को इस जहाँ से ही बचा पाना इतना आसां नहीं ||

Saturday 16 June 2012

वक़्त रुकता नही

ना मुहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
दिल को अपने सज़ा न दे यूं ही
इस ज़माने की बेरुखी के लिए
कल जवानी का हश्र क्या होगा 
सोच ले आज दो घड़ी के लिए 
हर कोई प्यार ढूँढ़ता है यहाँ 
अपनी तनहा सी ज़िंदगी के लिए 
वक़्त के साथ साथ चलता रहे 
यही बेहतर है आदमी के लिए ||

Wednesday 6 June 2012

भूल गए


याद  नहीं  क्या  क्या  देखा  था  सारे  मंज़र  भूल  गए , 
उस  की  गलियों  से  जब  लौटे  अपना  भी  घर  भूल  गए ,
खूब  गए  परदेस  की  अपने  दीवार -ओ  - दर  भूल  गए ,
शीश -महल  ने  ऐसा  घेरा  मिट्टी  के  घर  भूल  गए ,
तुझ  को  भी  जब  अपनी  कसमें  अपने  वादे  याद  नही  ,
हम  भी  अपने  ख़्वाब  तेरी  आँखों  में  रख  कर  भूल  गए ,
मुझ  को  जिन्होंने  क़त्ल  किया  है  कोई  उन्हें  बतलाये  "देवा " ,
मेरी  लाश  के  पहलू  में  वो  अपना  खंजर  भूल  गए ,
खंजर पर लगे खून के छीटों में हमारे करम धुल गए ,
मरना तो है सबको लेकिन हम तो जीना ही भूल गए ||

Tuesday 5 June 2012

UMANG ( उमंग )

उठती सी उमंग है ज़िन्दगी में रोज नयी,
दिल में रोज एक बोझ सा रह जाता है ,
बेचैन सी निकल जाती है रात आँखों तले से,
उल्जे पन्नों  को सुल्जाने में भी डर सा लगता है,
सब जान कर भी नासमझ बना बैठा हु मैं,
इतना सोच कर भी वक़्त कम सा लगता है, 
डूब जाना चाहता हूँ में उजाले की गहराई में,
पर आँख खोल देखने का भी मन नही करता है,
बैठा रहूँ उस  राह पर जीवन भर ,
जिस  राह में साथ आपका अच्छा सा लगता है।।