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Sunday 21 April 2019

उम्मीद - 2

अब तो आ भी जाओ की ज़िन्दगी कम है 
जब तुम ही नहीं जीवन में तो हर ख़ुशी कम है 
वादा किया है जो निभाउंगा हर दम 
ऐसा नहीं है की अभी जीवन में रोशनी कम है 
जाने क्या हो गया है इस मौसम को भी 
लगता है जैसे की धुप ज्यादा चांदनी कम है 
आइना देख कर ये ख्याल आता है अक्सर 
आज कल इस शख्स पर तेरा एतबार कम है 
तेरे दम से ही तो मैं आज मुकम्मल हूँ 
बिन तेरे अब तो ये जीवन भी कम है ,
अब तो आ भी जाओ की ज़िन्दगी कम है||